- Kisan ID News: सरकार ने बढ़ाई प्रक्रिया की रफ्तार, जानिए पूरा Farmar Pehchaan Patra Yogna
Kisan ID News: सरकार ने बढ़ाई प्रक्रिया की रफ्तार, जानिए पूरा Farmar Pehchaan Patra Yogna
केंद्र सरकार राज्यों में शिविर लगाकर Kisan ID बनाने के लिए राज्यों को प्रोत्साहन देगी। इसमें each survey 15,000 रुपये तक दिए जाएंगे। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक Kisan ID बनवाने पर राज्य सरकार को 10 रुपये दिए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार, इसका पूरा खर्च प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बजट से किया जाएगा।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने किसान पहचान पत्र (Kisan ID) को तेजी से लागू करने के लिए राज्यों से विशेष शिविर लगाने का आग्रह किया है। किसान आईडी एक अनूठा डिजिटल पहचान पत्र है जो आधार से जुड़ा होता है, जो राज्य के भूमि रिकॉर्ड से भी जुड़ा होता है। इसके अलावा, इसमें जनसांख्यिकी, बोई गई फसल और भूमि स्वामित्व जैसी जानकारी भी शामिल है।
Kisan ID के माध्यम से बनाए गए डेटाबेस को किसान रजिस्ट्री के रूप में जाना जाएगा। सरकार का लक्ष्य 11 करोड़ किसानों की डिजिटल पहचान बनाने का है, जिसमें से 6 करोड़ किसानों को वर्ष 2024-25 में, तीन करोड़ को वर्ष 2025-26 में और दो करोड़ किसानों को वर्ष 2026-27 में शामिल किया जाएगा। यही कारण है कि केंद्र ने अब राज्यों से किसान आईडी देने के लिए शिविर मोड अपनाने को कहा है। इस संबंध में 28 नवंबर को कृषि मंत्रालय ने राज्यों को पत्र भेजा था।
केंद्र सरकार बड़े पैमाने पर निवेश करेगी, एक नई दिशा में-
केंद्र सरकार राज्यों को Kisan ID बनाने के लिए प्रोत्साहन देगी। राज्यों में शिविर लगाकर Kisan ID बनाई जाएंगी, जिसके लिए केंद्र सरकार प्रत्येक शिविर को 15,000 रुपये तक देगी। इसके अलावा, केंद्र सरकार प्रत्येक बनाई गई आईडी के लिए राज्य सरकार को 10 रुपये देगी। सूत्रों के अनुसार, इसका पूरा खर्च प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बजट से किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि Kisan ID बनाने का काम कई राज्यों जैसे गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में पहले ही तेज हो चुका है, जबकि असम, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में यह क्षेत्र परीक्षण के चरण में है। सूत्रों ने कहा कि बाकी राज्यों में यह काम अलग-अलग चरणों में है।
Kisan Pehchaan Patra Yogna (Kisan ID) के बारे में जानकारी-
यह किसानों के लिए एक आधार-लिंक अद्वितीय डिजिटल पहचान है, जो राज्य के भूमि रिकॉर्ड से जुड़ी है। इसमें जनसांख्यिकीय विवरण, बोई गई फसल की जानकारी और स्वामित्व डेटा शामिल है। यह किसान रजिस्ट्री का आधार बनता है, जो 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत डिजिटल कृषि मिशन के तहत कृषि स्टैक का एक मुख्य घटक है। Kisan ID निर्माण के लक्ष्य: 2026-27 तक 11 करोड़ किसानों के लिए डिजिटल Kisan ID बनाएं।
डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन की जानकारी-
यह एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) विकसित करना है।