Kisan ID:2025 में latest Digital Farmer Pehchaan Patra Yogna

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Kisan ID2025 में latest Digital Farmer Pehchaan Patra Yogna

Kisan ID News: सरकार ने बढ़ाई प्रक्रिया की रफ्तार, जानिए पूरा Farmar Pehchaan Patra Yogna

केंद्र सरकार राज्यों में शिविर लगाकर Kisan ID बनाने के लिए राज्यों को प्रोत्साहन देगी। इसमें each survey 15,000 रुपये तक दिए जाएंगे। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक Kisan ID बनवाने पर राज्य सरकार को 10 रुपये दिए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार, इसका पूरा खर्च प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बजट से किया जाएगा।

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने किसान पहचान पत्र (Kisan ID) को तेजी से लागू करने के लिए राज्यों से विशेष शिविर लगाने का आग्रह किया है। किसान आईडी एक अनूठा डिजिटल पहचान पत्र है जो आधार से जुड़ा होता है, जो राज्य के भूमि रिकॉर्ड से भी जुड़ा होता है। इसके अलावा, इसमें जनसांख्यिकी, बोई गई फसल और भूमि स्वामित्व जैसी जानकारी भी शामिल है।

Kisan ID के माध्यम से बनाए गए डेटाबेस को किसान रजिस्ट्री के रूप में जाना जाएगा। सरकार का लक्ष्य 11 करोड़ किसानों की डिजिटल पहचान बनाने का है, जिसमें से 6 करोड़ किसानों को वर्ष 2024-25 में, तीन करोड़ को वर्ष 2025-26 में और दो करोड़ किसानों को वर्ष 2026-27 में शामिल किया जाएगा। यही कारण है कि केंद्र ने अब राज्यों से किसान आईडी देने के लिए शिविर मोड अपनाने को कहा है। इस संबंध में 28 नवंबर को कृषि मंत्रालय ने राज्यों को पत्र भेजा था।

केंद्र सरकार बड़े पैमाने पर निवेश करेगी, एक नई दिशा में-

केंद्र सरकार राज्यों को Kisan ID बनाने के लिए प्रोत्साहन देगी। राज्यों में शिविर लगाकर Kisan ID बनाई जाएंगी, जिसके लिए केंद्र सरकार प्रत्येक शिविर को 15,000 रुपये तक देगी। इसके अलावा, केंद्र सरकार प्रत्येक बनाई गई आईडी के लिए राज्य सरकार को 10 रुपये देगी। सूत्रों के अनुसार, इसका पूरा खर्च प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बजट से किया जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि Kisan ID बनाने का काम कई राज्यों जैसे गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में पहले ही तेज हो चुका है, जबकि असम, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में यह क्षेत्र परीक्षण के चरण में है। सूत्रों ने कहा कि बाकी राज्यों में यह काम अलग-अलग चरणों में है।

Kisan Pehchaan Patra Yogna (Kisan ID) के बारे में जानकारी-

यह किसानों के लिए एक आधार-लिंक अद्वितीय डिजिटल पहचान है, जो राज्य के भूमि रिकॉर्ड से जुड़ी है। इसमें जनसांख्यिकीय विवरण, बोई गई फसल की जानकारी और स्वामित्व डेटा शामिल है। यह किसान रजिस्ट्री का आधार बनता है, जो 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत डिजिटल कृषि मिशन के तहत कृषि स्टैक का एक मुख्य घटक है। Kisan ID निर्माण के लक्ष्य: 2026-27 तक 11 करोड़ किसानों के लिए डिजिटल Kisan ID बनाएं।

डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन की जानकारी-

यह एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) विकसित करना है।

उद्देश्य:

  • डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में डिजिटल तकनीकों का समावेश करना है, जिससे किसानों को स्मार्ट खेती के लिए सटीक जानकारी और आधुनिक समाधान उपलब्ध हो सकें। इस पहल के तहत, डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और डिजिटल टूल्स का उपयोग करके कृषि उत्पादन को अधिक प्रभावी और टिकाऊ बनाया जा सकेगा। खेती प्रबंधन में सुधार लाएं और उत्पादकता बढ़ाएं। किसानों को डेटा और डिजिटल उपकरणों को एकीकृत करके सेवाएं प्रदान करें।

मूलभूत स्तंभ: Digital Agriculture Mission

  • डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन (Digital Agriculture Mission) कृषि क्षेत्र में तकनीकी उन्नति के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। इसके आधारभूत स्तंभों में डेटा-चालित निर्णय, स्मार्ट उपकरणों का उपयोग, और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से किसानों तक सीधे सेवाएँ पहुँचाना शामिल है। यह मिशन न केवल कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने और टिकाऊ खेती को भी प्रोत्साहित करता है।
  • एग्रीस्टैक एक ऐसा डेटाबेस है जो किसानों की सारी जानकारी एक जगह रखता है। इसमें किसान की पहचान, ज़मीन के रिकॉर्ड, बीमा, लोन, फसल की जानकारी और आय का इतिहास सब शामिल है। यह तीन डेटाबेस से मिलकर बना है: किसान रजिस्ट्री, भू-संदर्भित गाँव के नक्शे और बोई गई फसल की रजिस्ट्री।

  • कृषि निर्णय सहायता प्रणाली एक अनूठा भू-स्थानिक मंच है जो भारतीय कृषि के लिए बनाया गया है। यह खेतों, मिट्टी, मौसम, पानी के स्तर और फसल की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है जो कभी भी और कहीं से भी उपलब्ध होती है।

अन्य घटक: डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन

  • अन्य घटक का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों का समावेश करना है। यह मिशन डेटा प्रबंधन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं का उपयोग करके किसानों को सशक्त बनाने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में काम करता है।
  • इस मिशन के तहत, लगभग 142 मिलियन हेक्टेयर कृषि भूमि के विस्तृत मृदा प्रोफ़ाइल मानचित्र तैयार किए जाएंगे। लगभग 29 मिलियन हेक्टेयर का विस्तृत मृदा प्रोफ़ाइल इन्वेंटरी पहले ही पूरा हो चुका है।
  • डिजिटल सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण (DGCES): इसका उद्देश्य फसल उपज के अनुमानों की सटीकता को बढ़ाना है।

Farmer ID कैसे बनाएं: आसान गाइड-

यहां मध्य प्रदेश के किसानों के लिए Kisan ID कार्ड बनवाने की एक अनोखी तरकीब है! आपको किसी दफ्तर जाने या किसी से संपर्क करने की जरूरत नहीं है। अपने मोबाइल या कंप्यूटर से ही कुछ आसान से स्टेप्स फॉलो करके आप खुद ही अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

चलिए जानते हैं ये कैसे करना है:

  1. इस लिंक को अपने ब्राउज़र में खोलें: https://mpfr.agristack.gov.in/farmer-registry-mp/#/
  2. स्क्रीन पर दिख रहे “किसान” टैब पर क्लिक करें।
  3. अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें।
  4. आपके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा, उसे दर्ज करें।
  5. ओटीपी के साथ कैप्चा कोड भी भरें।
  6. इसके बाद, आपको एक नया यूजर अकाउंट बनाना होगा।
  7. अकाउंट बनने के बाद, आपका Kisan ID रजिस्टर हो जाएगा।

इस तरीके से आप बिना किसी परेशानी के घर बैठे ही Kisan ID कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

(ये कागजात आवश्यक होंगे) – Essential Papers:

आपको इसके लिए आधार कार्ड की प्रति, भूमि जानकारी के लिए खतौनी या फराद की प्रतिलिपि, फसल का नाम, किस्म, बुवाई का समय और बैंक पासबुक की जानकारी देनी होगी। हमेशा ध्यान रखें कि आधार नंबर और मोबाइल नंबर देते समय इसकी जांच कर लें। आधार नंबर 12 अंकों का और मोबाइल नंबर 10 अंकों का होना चाहिए।

Rahul Gaur
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